सक्ती जिला का मुख्यालय आखिर जेठा ले जाकर नगर के साथ सौतेला व्यवहार क्यों..??

सक्ती। आखिर कौन है जो नहीं चाहता कि नए जिले सक्ती का मुख्यालय नगर सीमा में हो, ये सवाल अब बहुत ज्यादा उठ रहा है।
स्थानीय विधायक व विधानसभा अध्यक्ष के पास नगर से सर्वदलीय लोग नगर सीमा में मुख्यालय के कार्यालय बने की गुहार लगाने पहुंच चुके हैं वहीं डॉ महंत के आश्वासन के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर उच्चाधिकारियों का जेठा प्रेम समझ से परे लग रहा है। सक्ती जिले हेतु अस्थाई कार्यालय को नगर सीमा में ही रखे जाने के लिए जिला बनाओ संघर्ष समिति के साथ साथ पूरे व्यापारी, सभी राजनीतिक दलों के नेता, नगरवासी सब चाह रहें हैं वहीं विधानसभा अध्यक्ष को शासकीय भूमियों का पूरा पुलिंदा भी दिया जा चुका है। साथ ही विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारियों को भी शासकीय भूमियों की जानकारी दी जा चुकी है। गत कुछ दिनों पहले ओएसडी सुश्री नूपुर पन्ना राशि से नपा अध्यक्ष सहित कांग्रेस के नेता भी मिले और सभी ने एक स्वर में स्थानीय सीमा में ही कार्यालय बनाने की बात भी कही। वहीं नगर के कुछ भूमि जानकारों द्वारा भी ओएसडी स्तर पर शासकीय भूमि से अवगत कराया जा चुका है। लेकिन नगर और नगर सीमा के लगभग शासकीय भूमियों में किसी ना किसी रसूखदार का कब्ज़ा बताया जा रहा है। साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि अधिकारी नहीं चाह रहें हैं कि किसी तरह के झमेले में पड़ा जाए, यही कारण जो समझ आ रहा है कि जिला कार्यालय जेठा ले जाया जा रहा है। वैसे नगर और नगर सीमा में आज भी सैकड़ों एकड़ शासकीय भूमि है लेकिन एक साथ बड़ी भूमि सिर्फ बगबुढ़वा में है जो राजस्व के बड़े झाड़ के नाम पर अंकित है जिसमें से अधिकांश भूमि को शासन द्वारा ही लोगों को पट्टा दिया गया है। वैसे जेठा कॉलेज को सकराली ब के किसी स्कूल में शिफ्ट करने की बात भी सामने आ रही हैं इस स्थिति में छात्रों में भी आक्रोश दिख रहा है। कुछ जानकारों का मानना है कि नगर के बीचों बीच जवाहरलाल नेहरू कालेज है और भवन नगर पालिका की है ऐसी स्थिति में जेएलएन कॉलेज को सरकार क्यों अपने उपयोग में नहीं ले रही है, जबकि जेठा कॉलेज शासकीय है और जेएलएन कॉलेज निजी है लेकिन भवन व ग्राउंड की जमीन शासन की है। ऐसे बहुत से सवालों तर्कों के साथ एक सवाल और भी है कि आखिर कौन नहीं चाह रहा है कि जिला मुख्यालय के कार्यालय नगर और नगर सीमा में ना बन नगर से 15 किमी दूर जेठा में बनें।

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